ब्रहमांड का विखंडन देखा
तारों का विघटन देखा
बादलों का गर्जन देखा
माँ भारती की प्रतिमा का
बार बार खंडन देखा ।

सदियों पुराना बवंडर देखा
प्रतिमाओं का विखंडन देखा
राम लला की मूर्ति हो
या हो भगवान बुद्ध की
अमर जवान ज्योति हो
या हो अंबेडकर युग पुरुष की ।

मूर्तियों की हत्या पर
कब नेतागण जागेंगे
और सीबीआई की पूँछ पकड़कर
हत्यारे के पीछे भागेंगे।

ये विखंडन रुकना होगा
ये बवंडर थमना होगा
युवा पीढ़ी को जगना होगा
भारत को बदलना होगा। ।।
_________________________________________

आधुनिक भारत का दर्शन
xxx’———————–‘xxx

परिवारवाद का स्थापन देखा
कश्मीरी पंडितों का विस्थापन देखा

अलगावाद का जहर भी देखा
राष्ट्रवाद का पकड़ भी देखा

न्यायालय को कटघरे में खड़ा देखा
रात में खुला न्यायालय देखा

शरहद से आती लाशें देखी
पत्थरबाजों के समर्थन में खड़ी सरकारें देखी

आग में जलती नारी देखीं
पितृसत्तात्मक सत्ता भारी देखी

आत्महत्या करते किसान देखे
जलते हरे खलिहान देखे

पटेल का परमार्थ देखा
जिन्ना का स्वार्थ देखा

राम राज्य का सपना देखा
आजाद भारत अपना देखा
हमने नहीं देखा
गांधी,सुभाष के सपनों का भारत। ।।
_________________________________________
By :- saurav pandey

Leave a comment