ब्रहमांड का विखंडन देखा
तारों का विघटन देखा
बादलों का गर्जन देखा
माँ भारती की प्रतिमा का
बार बार खंडन देखा ।

सदियों पुराना बवंडर देखा
प्रतिमाओं का विखंडन देखा
राम लला की मूर्ति हो
या हो भगवान बुद्ध की
अमर जवान ज्योति हो
या हो अंबेडकर युग पुरुष की ।

मूर्तियों की हत्या पर
कब नेतागण जागेंगे
और सीबीआई की पूँछ पकड़कर
हत्यारे के पीछे भागेंगे।

ये विखंडन रुकना होगा
ये बवंडर थमना होगा
युवा पीढ़ी को जगना होगा
भारत को बदलना होगा। ।।
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आधुनिक भारत का दर्शन
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परिवारवाद का स्थापन देखा
कश्मीरी पंडितों का विस्थापन देखा

अलगावाद का जहर भी देखा
राष्ट्रवाद का पकड़ भी देखा

न्यायालय को कटघरे में खड़ा देखा
रात में खुला न्यायालय देखा

शरहद से आती लाशें देखी
पत्थरबाजों के समर्थन में खड़ी सरकारें देखी

आग में जलती नारी देखीं
पितृसत्तात्मक सत्ता भारी देखी

आत्महत्या करते किसान देखे
जलते हरे खलिहान देखे

पटेल का परमार्थ देखा
जिन्ना का स्वार्थ देखा

राम राज्य का सपना देखा
आजाद भारत अपना देखा
हमने नहीं देखा
गांधी,सुभाष के सपनों का भारत। ।।
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